Wednesday, January 26, 2011

माँ भारती को समर्पित





















धरती के ऐसे लाल कहाँ दुनिया में ऐसे मिलते हैं,
बस एक तिरंगे की खातिर सर्वश्व समर्पण करते हैं |
न कोई तिलक न कोई सुभाष दुनिया को मिल पाया है,
स्वर्श्व समर्पण करने को कोई भगत नहीं आया है |
माँ भारती तेरा अहो भाग्य ऐसे सपूत कण-कण में हैं,
दिल-ओ-जान लुटाने का जज्बा तेरे बेटे लिये नयन में हैं|
तेरा एक आँसूं काफी है दुनिया को आग लगा देगें,
कोई दामन को बस छु भर ले हम अपना शीश चढ़ा देंगें |

4 comments:

  1. कोई दामन को बस छु भर ले हम अपना शीश चढ़ा देंगें ...

    very inspiring !

    .

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  2. तेरा एक आँसूं काफी है दुनिया को आग लगा देगें,
    कोई दामन को बस छु भर ले हम अपना शीश चढ़ा देंगें
    बहुत ही प्रेरक और देश प्रेम का नया उत्साह जगाती पाँक्तियां। बधाई आपको।

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  3. Garv hai ki maine iss dharti pe janam liya , felt really proud by reading this.

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  4. Thanks for sharing the pics...it was tough to get the pics as there was no media coverage...super duper like...

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