
गाँव का सारा लोग लुगाई लगा दू प्रेम का गुलाल
भंग भंग भंग पिलो पचा के चंग (2)
रे होलिया मैं उड़ा रे गुलाल
कइयो रे मंगेतर से
होलिया मैं उड़े रे गुलाल
कइयो रे मंगेतर से
म्हारी ये मंगेतर चुडला वाली (2)
घड़िया वालो रे नवाब कइयो रे मंगेतर से (2)
होलिया मैं उड़े रे गुलाल
कइयो रे मंगेतर से (2)
म्हारी ये मंगेतर नथनी वाली (2)
रे भूचा वालो रे नवाब कइयो रे मंगेतर से (2)
होलिया मैं उड़े रे गुलाल
कइयो रे मंगेतर से
म्हारी ये मंगेतर पायल वाली (2)
रे धोत्या वालो रे नवाब कइयो रे मंगेतर से (2)
होलिया मैं उड़े रे गुलाल
कइयो रे मंगेतर से
म्हारी ये मंगेतर नखरे वाली (2)
पीछे भागे रे नवाब कइयो रे मंगेतर से (2)
होलिया मैं उड़े रे गुलाल
कइयो रे मंगेतर से (8)
म्हारी ये मंगेतर नथनी वाली (2)
ReplyDeleteरे भूचा वालो रे नवाब कइयो रे मंगेतर से
Holi ki dher saari shubkamnaye
रंगपर्व होली पर असीम शुभकामनायें !
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएं... और यह गीत पढवाने ले लिए धन्यवाद
ReplyDeleteआपको परिवार सहित होली की बहुत-बहुत मुबारकबाद...
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाएँ!
आप सभी लोगों का बहुत-बहुत धन्यबाद और रंगपर्व होली की हार्दिक बधाई |
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