एक महान खिलाडी हैं सचिन तेंदुलकर,क्रिकेट खेलते हैं, वो भी ऐसे देश में जहां लोग बस दो चीजों को जानते हैं - एक क्रिकेट और दूसरा बॉलीवुड | वैसे इसी क्रिकेट की वजह से इस देश में बाकि खेल उपेक्षित रह गये | खैर बात जो भी हो हमारा मुद्दा उनकी शख्सियत है उनका खेल नहीं | भारत देश में क्रिकेट एक धर्म है और में यह कोई नई बात नहीं कह रहा हूँ और इस धर्म के भगवन सचिन तेंदुलकर हैं | यह ओहदा उन्हें यहाँ के लोगों ने और इस खेल के जानकारों ने दिया है |
ऐसा नहीं है की वो ऐसे पहले खिलाडी हैं जिनमें बहुत अधिक प्रतिभा है ऐसे बहुतेरे खिलाडी आपको इस देश में मिल जायेंगे और हमेशा से मौजूद रहें हैं अगर हम क्रिकेट की ही बात करें तो इस सूची में विश्वनाथ,बेदी,कपिलदेव,गावस्कर,गांगुली,कुंबले,द्रविड़ और न जाने कितने प्रथिभावान खिलाडी दर्ज हैं | जो बातें उन्हें इन सब से अलग करती है उसकी भी एक लम्बी सूची है - ये वो करिश्माई शख्स हैं जिनका करिश्मा पूरा ब्रम्हांड पिछले २१ वर्षों से निरंतर देख रहा है,ये वो शख्स हैं जिनके नाम पर उपलब्धियों का पूरा हिमालय है,पर इन सब से अलग वो एक जिम्मेदार इंसान हैं, एक अनुशासित पुरुष हैं |
उनकी उप्लाब्दियों की लम्बाई इतनी ज्यादा है की हिमालय बौना लगता है पर शख्सियत ऐसी जिसको घमंड कभी छु नहीं पाया | इस खेल में इतना धन और इतनी लोकप्रियता है की अच्छे-से-अच्छा इंसान डगमगा जाये और ऐसा होता है होता आया है और आगे भी होता रहेगा और बहुत उदाहरण तो आप लोगों के पास भी होंगे परन्तु वो भगवान् क्या जो इस गर्त में गिर जाये दुनिया उन्हें ऐसे ही क्रिकेट का भगवान् नहीं कहती |
अभी हाल ही की एक बात है एक शराब बनानेवाली कंपनी ने अपने उत्पाद के विज्ञापन के लिये उन्हें लेना चाहा और इसकी एवज़ में २० करोड़ की पेशकश उनको की गयी | दुनिया जानती है की ये " दिल मांगे मोर " का जमाना है और इस दौर में इस पेशकश को ठुकराना तथाकथित अक्लमंदों के अनुसार बेवकूफी है | भगवान् तो भगवान् हैं वो न आज तक गलत हुए हैं न आगे होंगें और ऐसा मेरे साथ-साथ सारी दुनिया को लगता है | उन्होनें इस पेशकश को ठुकरा दिया और इस निर्णय के पीछे उनकी सोच थी | वो जानते हैं की उनकी शख्सियत,उनका निर्णय इस देश और इस देश के लोगों के लिये कितना अहम् है | एक पूरी फौज है जो उनकी तरह बनना चाहती है,वो लाख़ों लोगों के लिये रोल मॉडल हैं और वो लोग अगर अपने हीरो को शराब के विज्ञापन में देखेगे तो एक गलत मेसेज जायेगा |
उनकी यही सोच उन्हें औरों से अलग करती है | उन्हें समाज के प्रति अपना दायित्व पता है और वो हमेशा उसे पूरा करने की सोचते हैं | वैसे बात उस शराब के विज्ञापन की चल रही है तो मैं आपको बता दूँ मौजूदा भारतीय क्रिकेट टीम के कुछ सदस्यों ने उस पेशकश को कुबूल कर लिया है और बहुत जल्द आप उन्हें अपने टेलीविज़न पर देख पायेंगे |
ये कुछ तथ्य मैं आपके सामने इस लिये रख रहा हूँ की आप उनकी शख्सियत को समझें और फिर इस प्रश्न का उत्तर दें की क्या उन्हें "भारत रत्न" मिलना चाहिये ? क्योंकि अब यह भी एक चर्चा का विषय है |
सचिन आने वाली पीढ़ी के लिए एक आदर्श है ... मेरा मत है वो भारत के रत्न तो पहले से ही हैं "भारत रत्न" की औपचारिकता हीं बस बाकी है, वो भी जल्द हीं पूरी होनी चाहिए
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